नारी चालीसा | जय जय जय नारी महारानी तुम्हारी महिमा सब जग जानी |
एक हाथ में बेलन साजे, दूजे हाथ छबीजा बजे ।
चिमटा अस्त्र तुम्हें अति प्यारा, बेलन से तुम करत प्रहारा ।।
जय जय जय नारी महारानी, तुम्हारी महिमा सब जग जानी ।।
हमारे दिल में तुम्हारी आशा, तुम्हारा दिल पैशन का प्यासा ।
महंगी साड़ी तुम्हें सुहावे, वेतन हमरी कम पड़ जावे ।।
जय जय जय नारी महारानी, तुम्हारी महिमा सब जग जानी ।।
कपड़ों से अलमारी भर गई, खटिया खड़ी हमारी कर गई ।
महंगे शैंपू तेल लगावे, जुल्फें नागिन सी लहरावे ।।
जय जय जय नारी महारानी, तुम्हारी महिमा सब जग जानी ।।
बाल तुम्हारे जितने बढ़ गए, उतने हमारे चान के झड़ गए ।
टीवी है तुमको अति प्यारी, रात कटे सीरियल में सारी ।।
जय जय जय नारी महारानी, तुम्हारी महिमा सब जग जानी ।।
सास कभी जब बहू बनी थी, और कहानी घर घर की थी ।
सीरियल सारे जब खत्म हो जाते, तब हमको खाना मिल पाते ।।
जय जय जय नारी महारानी, तुम्हारी महिमा सब जग जानी ।।
सूक्ष्म रूप धरी मायके जाती, भीम रूप धारी घर में आती ।
हमारे बच्चों की महतारी, महिमा अपरंपार तुम्हारी ।।
जय जय जय नारी महारानी, तुम्हारी महिमा सब जग जानी ।।
करवा चौथ का व्रत तुम करती, छुप-छुप काजू किशमिश छरती ।
कौन कहत है तुमको अबला, खूब बजा रही हमारो तबला ।।
लेखक
"संदीप राजभर"

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